हकों के लिए नौ को विधानसभा घेराव करेगी इंटक

देहरादून। श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के 44 श्रम कानूनों को बहाल करने की मांग को लेकर कल यानी नौ दिसंबर को इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) विधानसभा का घेराव करने जा रही है। इंटक का आरोप है कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों ने श्रमिक विरोधी कानून बनाए हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री व इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि गुरुवार को इंटक के कार्यकर्त्ता सुबह दस बजे रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल के समीप एकत्रित होकर विधानसभा कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि इंटक की मांग है कि केंद्र सरकार श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के 44 श्रम कानूनों को बहाल करे। मोदी सरकार ने जो चार श्रम संहिता पूंजीपतियों के हित में पारित किए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए व कर्मचारियों को एसीपी का लाभ दिया जाए।
अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि देश में सार्वजनिक उपक्रम को बेचा जा रहा है। कहा कि कर्मचारियों को प्रमोशन का नियमित लाभ नहीं मिल रहा है। कहा कि जब सरकार रोजगार नहीं दें पा रही है तो रोजगार छीनना भी नहीं चाहिए। कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं को 21000 रुपये और सहायक को 18000 रुपये मासिक वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार से औद्योगिक पैकेज मांगना चाहिए। बेरोजगारी की वजह से युवाओं में आक्रोश है और राज्य सरकार ने युवाओं के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि श्रम कानूनों के खिलाफ, बेरोजगारी, महंगाई, कर्मचारियों की पेंशन, सामान कार्य सामन वेतन, ठेकेदारी प्रथा बंद करने और निजीकरण समेत कर्मचारियों की अन्य मांगों को लेकर संगठन विधानसभा घेराव करेगा। जिसमें प्रदेशभर के कर्मचारियों के अलावा इंटक से जुड़ी ट्रेन यूनियन भी शामिल होगी।

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