एसीसी 118वां दीक्षा समारोह: कड़ी मेहनत से सिपाही अब बनेंगे अफसर, 68 कैडेट्स हुए ग्रेजुएट

देहरादून। सिपाही के रूप में फौज में भर्ती हुए देशभर के युवाओं ने शुक्रवार को अपनी मंज़िल की पहली सीढ़ी पर की। कड़ी मेहनत के बल पर अफसर बनने के लिए चुने गए 68 युवाओं ने शुक्रवार को भारतीय सैन्य अकादमी स्थित आर्मी कैडेट कालेज  के 118 वें दीक्षा समारोह में जेएनयू की डिग्री अपने हाथों में ली।  एसीसी में तीन साल के कड़े प्रशिक्षण और पढ़ाई के बाद ये कैडेट आइएमए की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं। वर्षों से सेना में अफसर बनने का सपना संजोए कैडेट लगन और मेहनत के बूते नए मुकाम तक पहुंचे हैं। अब एक साल के प्रशिक्षण के बाद ये सेना में बतौर अधिकारी शामिल हो जाएंगे। 
आइएमए के खेत्रपाल सभागार में आयोजित 118 वें दीक्षा समारोह में कमाडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने इन 68 कैडेटों को स्नातक की उपाधि व अवार्ड प्रदान किए। उपाधि पाने वालों में 31 विज्ञान और 37 कैडेट कला वर्ग में स्नातक बने। कमांडेंट ने सभी कैडेटों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कैडेटों को याद दिलाया कि एसीसी ने देश को बड़ी संख्या में ऐसे जांबाज अफसर दिए हैं, जिन्होंने अपनी क्षमता के बलबूते कई पदक जीते। जिनमें न केवल आइएमए की प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर बल्कि असाधारण साहस व बलिदान के लिए मिलने वाले परमवीर चक्र व अशोक चक्र जैसे वीरता पदक भी शामिल हैं। आर्मी कैडेट कालेज के कई कैडेट सेना में उच्च पदों पर आसीन हुए हैं।

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उन्होंने कहा कि उपाधि पाने वाले कैडेटों की जिंदगी का यह एक अहम पड़ाव है। कहा कि उनके सामने कई चुनौतियां होंगी, मगर देश की आन, बान और शान बनाए रखने की जिम्मेदारी अब उनके हाथों में होगी। इस मौके पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को बधाई देते कहा कि वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखें। इससे पहले एसीसी के प्रधानाचार्य डा नवीन कुमार ने कालेज की प्रगति रिपोर्ट पेश की। एसीसी कमान्डेंट ब्रिगेडियर शैलेश सती ने कैडेटों को बधाई दी।

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