नई दिल्ली। देश में बच्चों की वैक्सीन को लेकर अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। आज मंगलवार सुबह खबर आई कि मोदी सरकार की एजेंसी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 2 से 17 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्वदेशी कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। हालांकि बाद में खुद स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने इससे इनकार कर दिया।
बच्चों की कोरोना वैक्सीन पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अभी इस पर काम चल रहा है। मुझे लगता है कुछ कन्फ्यूजन सामने आ रही है। अभी डीसीजीआई की भी मंजूरी नहीं मिली है। विशेषज्ञ निर्णय लेंगे उसके बाद वैक्सीन आएगी। प्रक्रिया चल रही है और हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि डीसीजीआई की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीसरी लहर की चेतावनी के बाद 12 मई को बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की सिफारिश की थी। इसे मानते हुए डीसीजीआई ने ट्रायल की मंजूरी दी थी।
भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल जून में शुरू किया था। हालांकि अभी इसकी अंतिम मंजूरी बाकी है। दुनिया के अलग-अलग देशों में भी इसी तरह के ट्रायल्स के बाद बच्चों के लिए वैक्सीन को अप्रूवल दिया गया है। यूरोप में मॉडर्ना की वैक्सीन को बच्चों के लिए अप्रूव करने से पहले 12 से 17 साल के 3,732 बच्चों पर ट्रायल किया गया था। ट्रायल के नतीजों में सामने आया था कि वैक्सीन ने बच्चों में भी बड़ों के बराबर ही एंटीबॉडी प्रोड्यूस की है। ट्रायल के दौरान 2,163 बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी गई थी और 1,073 को प्लास्बो। जिन 2,163 बच्चों को वैक्सीन दी गई थी, उनमें से किसी को भी न तो कोरोना हुआ और न ही कोई गंभीर साइड इफेक्ट।