विभाजन के बाद की इस सबसे बड़ी त्रासदी के लिये मोदी जिम्मेदार!

बोले इतिहासकार राम चंद्र गुहा

  • कहा, अगर लॉकडाउन की घोषणा से पहले एक हफ्ते का समय देते तो टल सकती थी त्रासदी
  • लॉकडाउन ने देश में लाखों गरीबों की जिंदगी की दुश्वार, बाकी लोगों को भी भुगतने होंगे इसके नतीजे
  • गृह मंत्रालय के मुताबिक देश में 4 करोड़ प्रवासी मजदूर, जिनमें से 3.25 करोड़ अभी तक नहीं लौट पाये

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के मुताबिक देश में 4 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं जिनमें से 75 लाख अपने घर लौट चुके हैं। इनमें से कई लोग तो पैदल, साइकिल या ट्रैक्टर से घर पहुंचे हैं। लॉकडाउन के दो महीने बीत जाने के बाद भी यह पलायन जारी है।
जाने माने इतिहासकार और अर्थशास्त्री रामचंद्र गुहा का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले प्रवासी मजदूरों को घर जाने के लिए कम से कम एक हफ्ते का समय देते तो भारत में विभाजन के बाद की सबसे बड़ी मानव निर्मित त्रासदी से बचा जा सकता था। यह संकट मोदी सरकार ने पैदा किया है उनके कैबिनेट साथी इसका ठीकरा राज्यों पर फोड़ने में लगे हैं। लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है और वे बड़ी संख्या में अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने देश में लाखों गरीबों की जिंदगी दुश्वार कर दी है और देश के बाकी लोगों की भी इसके सामाजिक और मानसिक नतीजे भुगतने होंगे। ‘रिडीमिंग द रिपब्लिक’ और ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ जैसी पुस्तकों के लेखक गुहा ने कहा, ‘भले ही विभाजन जैसी त्रासदी न हो क्योंकि उस समय पलायन के साथ साम्प्रदायिक दंगे भी हुए थे। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि यह देश के विभाजन के बाद सबसे बड़ी मानव निर्मित त्रासदी है।’
गौरतलब है कि देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने 24 मार्च 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी और उसी दिन आधी रात से देश में लॉकडाउन लागू हो गया। इसके तहत रेल, सड़क और हवाई सेवा को बंद कर दिया गया। इसके बाद से लॉकडाउन के तीन बार बढ़ाया जा चुका है और यह 31 मई तक चलेगा।
गुहा ने कहा, ‘मुझे पता नहीं है कि प्रधानमंत्री ने यह फैसला कैसे लिया। क्या उन्होंने अधिकारियों से सलाह मशविरा किया या कैबिनेट के साथियों से सुझाव लिए? या उन्होंने खुद ही ऐसा किया?’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अगर जानकारों और विपक्ष से सुझाव लें तो कुछ हद तक स्थिति को संभाला जा सकता है। गुहा ने कहा, ‘लेकिन मुझे आशंका है कि वह ऐसा नहीं करेंगे।’ 

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