अपने यहां रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन खुद हिसाब से तय करेंगी राज्य सरकारें
रेड जोन व ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट जोन तथा बफर जोन तय करेगा जिला प्रशासन
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने राज्यों को अधिकार दिया है कि वो अपने अनुसार तय करें कि उनके प्रदेश की स्थिति क्या होनी चाहिए। जिसके बाद हर राज्य अपने-अपने यहां की कोरोना स्थिति को देखते हुए नियम तय करने में जुटा हुआ है। नई गाइडलाइंस के अनुसार राज्य सरकार ही अपने विवेकानुसार तय करेंगी कि उनके प्रदेश का कौन सा इलाका किस जोन में जाएगा। मोदी सरकार ने साफ किया कि प्रदेश की सीमाएँ भी वहां की सरकारें की तय करेंगी कि उनके सीमा में कोई दूसरे प्रदेश का वाहन या यात्री आ सकते हैं या नहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के मुताबिक राज्य सरकारें अपने यहां रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करेंगी। रेड जोन और ऑरेंज जोन के भीतर जिले के अधिकारी कंटेनमेंट जोन और बफर जोन तय करेंगे। कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी गतिविधियों की ही अनुमति होगी। इन इलाकों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा और किसी भी व्यक्ति को वहां से किसी को आने जाने की अनुमति नहीं होगी। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पूरे देश भर में लॉकडाउन 4.0 की अवधि 31 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इस दौरान घरेलू मेडिकल सर्विसेज और घरेलू एयर एंबुलेंस सेवा को छोड़कर सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। पूरे देश में मेट्रो रेल भी नहीं चलेगी। स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टीट्यूट भी बंद रहेंगे।