‘पीढ़ियों तक रहेगा कोरोना, नवंबर तक आ जाएगी अगली लहर’!

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ हैदराबाद के निदेशक प्रो. जीवी एस मूर्ति ने किया दावा

हैदराबाद। कोरोना वायरस को लेकर आज गुरुवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ हैदराबाद के निदेशक प्रो. जीवी एस मूर्ति ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि फ्लू की तरह कोविड-19 पीढ़ियों तक यहां रहेगा। कोरोना की अगली लहर नवंबर के महीने तक फिर आ जाएगी।
प्रो. मूर्ति ने कहा कि विभिन्न राज्यों से उपलब्ध आंकड़ों से यह पता चलता है कि जून के अंत तक दक्षिण और पश्चिम भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी आ सकती है। वहीं उत्तर और पूर्वी भारत में जुलाई के मध्य तक संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल सकती है।
जलसों के चलते फैला ज्यादा वायरस : निदेशक मूर्ति ने कहा कि महामारी के दौरान राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक जलसों को बहुत जल्दी अनुमति देना कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के तेजी से फैलने की मुख्य वजह रही।
लंबे वक्त तक रहेगा कोविड : उन्होंने कहा कि कोविड-19 लंबे वक्त तक यहां रहने वाला है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई संक्रमण समुदाय के सामने आता है तो वह धीरे-धीरे फैलता है और फिर स्थानीय स्तर पर संक्रमण बढ़ जाता है। फ्लू हमारे साथ पीढ़ियों से है और यही कोविड-19 के साथ भी होगा।
छह महीने तक ही एंटीबॉडी प्रभावी : निदेशक का मानना है कि जब भी इस संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील लोग बड़ी संख्या में जुटेंगे तो यह महामारी फैलेगी। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कोविड-19 संक्रमण के बाद रोग प्रतिरोधक शक्ति केवल तीन से छह महीने की छोटी अवधि के लिए ही रहती है जिसके बाद उसी व्यक्ति के फिर से संक्रमण की चपेट में आने की आशंका होती है।
करीब 5-6 माह बाद फिर आ जाएगी अगली लहर : उन्होंने कहा, हमने देखा कि कुछ मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेता दूसरी बार भी संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए किसी में भी स्थायी रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की अगली लहर आने में पांच से छह महीने लगेंगे और तब तक लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता एक बार फिर खत्म हो जाएगी।
नवंबर में फिर आ सकती है तीसरी लहर : प्रो. मूर्ति ने कहा कि नवंबर एक बार फिर चिंताजनक वक्त हो सकता है। महामारियों में बुजुर्ग लोग सबसे पहले मरते हैं लेकिन हर बार आती लहर में अधेड़ उम्र और बच्चों समेत युवा लोग अधिक संक्रमित होते हैं। उन्होंने कहा कि अगली लहर का यही खतरा है। अगर देश में 30 साल से अधिक आयु के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों को नवंबर तक टीका लग जाता है तो हम कोरोना वायरस को फैसले से रोकने की प्रभावी चुनौती दे सकते हैं।
अगले वर्ष तक सख्त प्रतिबंधों की जरूरत : प्रोफेसर ने कहा कि अगर हम खतरा कम करना चाहते हैं तो फरवरी 2022 तक बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध जारी रखने की जरूरत है। स्कूल और कार्यालय पर्याप्त एहतियात के बाद खोले जा सकते हैं। तभी कोरोना के कहर से बचा जा सकता है।

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