यहां कोरोना बना विकराल

  • रोजाना 100 से अधिक शवों को हो रहा दाह संस्कार
  • चिताओ की चिमनियां भी पिघलने लगी
  • 14 साल से बंद शवदाह गृह खुला
सूरत। गुजरात के सूरत में कोरोना से हो रही मौतों ने भयावह रूप ले लिया है। यहां शवों के अंतिम संस्कार का सिलसिला इतना अधिक बढ़ गया है कि चिताओं की चिमनियां भी पिघलने लगी हैं। सूरत के अश्विनी कुमार और रामनाथ घेला श्मशान घाट के प्रमुख हरीशभाई उमरीगर का कहना है कि यहां रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। इस कारण चिमनियां ठंडी नहीं हो रही हैं और वो पिघलने लगी हैं। इसी तरह सूरत के रांदेर और रामपुरा के कब्रिस्तानों में भी मैय्यत आने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां समान्य दिनों में औसतन दो से तीन शव दफनाए जाते थे, लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़कर 10 से 12 हो गया है।
मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के चलते 14 साल से बंद तापी नदी के तट पर कैलाश मोक्षधाम शवदाह गृह को फिर से खोल दिया गया है। तीन दिन में यहां 50 से ज्यादा अंतिम संस्कार हो चुके हैं। श्मशान घाटों पर तीन से चार घंटे की वेटिंग चल रही है।

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