कांग्रेस ने जारी की भाजपा की ‘चार्जशीट’!

  • ‘कांग्रेस की चुनौती ‘ के नाम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और घोषणाओं पर लगाये सवालिया निशान और मांगा जवाब 

देहरादून।  केंद्र और प्रदेश सरकार को अपने आरोपों से घेरने के लिए कांग्रेस ने ‘चार्जशीट’ को ‘कांग्रेस की चुनौती’  बताते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार पर सवालों की बौछार की  है। जिसमें उन्हें जवाब देने की चुनौती  दी गई है।
 रविवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सह प्रभारी राजेश धर्माणी और चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष नवप्रभात ने इसे जारी किया। 
चुनौती पत्र में केंद्र की मोदी सरकार को फासीवाद से प्रेरित बताते हुए कई सवाल उठाये गये हैं और उनका जवाब केंद्र और प्रदेश सरकार से मांगे गये हैं। कांग्रेस के आरोपों के अनुसार आजादी के बाद पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मीडिया के समक्ष यह आरोप लगाया कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है।  सीबीआई ने अपने शीर्ष अधिकारी को गिरफ्तार किया, आधी रात को सीबीआई निदेशक को पद से हटाया गया  और सुप्रीम कोर्ट के  आदेश पर उनको फिर बहाल किया गया। रात आठ बजे उन्हें तैनाती दी गई और रात के 12 बजे उनका तबादला कर दिया गया। इसके साथ कांग्रेस ने तीनों सेनाओं के 10 पूर्व सेनाध्यक्षों द्वार वन रैंक वन पैंशन में भेदभाव को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखे जाने, बिना किसी राजकीय निमंत्रण के पाकिस्तान जाने और पठानकोट आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को जांच के लिये यहां बुलाये जाने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं के खर्च और औचित्य पर सवाल उठाये हैं।
 चुनौती प़त्र में कहा गया  है, ‘ हमारे प्रधानमंत्री ने रंग बिरंगे परिधान पहनकर पूरी  दुनिया की सैर की और सरकार के प्रचार तंत्र ने जोसेफ गोयबल्स के पद चिन्हों पर चलकर देश में इन यात्राओं का ऐसा प्रचार किया कि मानो दुनिया जीत ली हो। मई 2014 से दिसंबर 2018 तक प्रधानमंत्री ने 56 देशों की यात्रायें कीं और इन पर 2021 करोड़ रुपये खर्च हुए। इनमें वो खर्च शामिल नहीं हैं जो हजारों की संख्या में सांस्कृतिक कलाकारों और खानसामाओं को ले जाने और विदेश में कार्यक्रम आयोजित करने के लिये स्टेडियम किराये पर लेने में खर्च हुआ।’
पत्र में आरोप लगाया गया है कि पुलवामा जैसी गंभीर घटना के समय भी प्रधानमंत्री ने फिल्म फिल्माने को वरीयता दी जबकि कांग्रेस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए राजनीतिक कार्यक्रम रद्द किये। पत्र के अनुसार कांग्रेस के दामन को दागदार बताने वाले अपने पांच साल के शासनकाल में किसी भी आरोप को साबित नहीं कर सके। पत्र में कहा गया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति 2012 में एक करोड़ 91 लाख थी, वह 2019 में 18 करोड़ 89 लाख हो गयी और शहजादे यानी अमित शाह के सुपुत्र जय शाह की संपत्ति 300 गुना बढ़ी, यही है मोदी अर्थशास्त्र का विकास मॉडल।
पत्र में तंज कसते हुए कहा गया है, ‘ मां भारती के कुछ सपूत जो बैंकों का लाखों करोड़ रुपया लेकर देश छोड़कर निकल लिये और चौकीदार सोता रहा।’ जिनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी समेत 11 धोखेबाजों के नाम गिनाये गये हैं।  पत्र में यह आरोप लगाया गया है, ‘ मोदी सरकार के कार्यकाल में देश पर कर्ज में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जून 2014 में देश पर कर्जा 54,90,763 करोड़ रुपये था जो दिसंबर 2018 में बढ़कर 82,03,253 करोड़ हो गया है अर्थात चार में देश पर लगभग 49 प्रतिशत कर्जा और बढ़ गया है। उत्तराखंड राज्य का प्रत्येक व्यक्ति 40 हजार रुपये का कर्जदार है। डबल इंजन की सरकार ने मात्र दो वर्ष में कर्ज 11,000 करोड़ रुपये और बढ़ा दिया और यही दर रही तो पांच वर्ष में 33,000 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ राज्य की जनता पर होगा। इसी प्रकार चुनौती पत्र में बेरोजगारी, आर्थिक नीतियों, स्वास्थ्य नीतियों, उद्योग धंधों और विकास को लेकर भी कई सवाल उठाये गये हैं । साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के शीर्ष पदों पर आसीन नेताओं से इन सब सवालों के जवाब देने को कहा है।     
बता दें कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को आरोपों के भंवर में फंसाने के लिए कांग्रेस ने चार्जशीट तैयार करने का निर्णय लिया था, लेकिन यह खुद ही भंवर में फंसकर रह गई। न सिर्फ यह पूरी कसरत डेढ़ महीने विलंब से आई, बल्कि इसके स्वरूप में भी काफी हद तक परिवर्तन कर दिया गया है। 
कांग्रेस ने पूर्व काबीना मंत्री नवप्रभात की अध्यक्षता में चार्जशीट कमेटी का गठन किया था। यह तय किया गया था कि चार्जशीट कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को देगी और इसके बाद राज्यपाल को भाजपा सरकारों के खिलाफ चार्जशीट सौंपी जाएगी। चार्जशीट कमेटी की करीब चार बैठकें हुईं। बाद में तय किया गया कि चार्जशीट कमेटी राज्यपाल को रिपोर्ट नहीं सौंपेगी, बल्कि इसे जनता के लिए सीधे जारी कर दिया जाएगा। पहले यह तय किया गया था कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा, मगर इसका मामला लगातार लटकता चला गया।
कांग्रेस अब चार्जशीट को चुनौती पत्र के तौर पर पेश किया है। करीब 12 पेज के इस डॉक्यूमेंट को चुनौती पत्र नाम दिया गया है। जिसमें कांग्रेस की ओर से बताया गया कि हम केंद्र और भाजपा सरकारों पर आरोप लगाते हुए उनके सामने जवाब देने की चुनौती रख रहे हैं। इसीलिए इसका नाम बदलकर चुनौती पत्र कर दिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here