कर्नल अजय कोठियाल ने 2018 में लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। माना जा रहा था कि भाजपा और कांग्रेस उनको हाथों हाथ लें लेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है की आखिर पिछले डेढ़ साल से चुनाव की तैयारियों में जुटे कर्नल कोठियाल को भाजपा-कांग्रेस ने लिफ्ट क्यों नहीं दी। इसका असली कारण यह है कि वे किसी भी तरह लोकसभा पहुंचना चाहते थे, चाहे किसी भी राजनीतिक दल के जरिए इसका रास्ता बने। यानी कर्नल ने आईडियोलॉजी को महत्व न दे करके सिर्फ लोकसभा पहुंचने का प्रयास किया। यही कारण रहा वह दोनों दलों में टिकट की कोशिश करते रहे, लेकिन आखिर में उनको टिकट किसी ने नहीं दिया।
पहले यह माना जा रहा था की वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल होंगे, परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भुवनचंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बदले समीकरण से भाजपा द्धारा पूर्व मंत्री तीरथ सिंह रावत पर भरोसा जताया गया है।
उधर कांग्रेस से अपने अध्यक्ष राहुल गाँधी के द्धारा राजनीति में शामिल हुए मनीष खंडूड़ी को पौड़ी गढ़वाल से प्रत्याशी माना जा रहा है। कर्नल कोठियाल को कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और महासचिव हरीश रावत का भी करीबी माना जाता है।
अभी तक की खबरों के अनुसार कर्नल कोठियाल पौड़ी या फिर टिहरी लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक सकते हैं और उनकी 25 मार्च को नामांकन करने की तैयारी भी है।
जहाँ भूतपूर्व सैनिकों में उनकी अच्छी पैठ है वहीँ युवाओं में भी उनके यूथ फाउंडेशन द्धारा किये गए कार्यों को देखते हुए उन्हें लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है।
कर्नल अजय कोठियाल भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के पूर्व अधिकारी हैं और सैन्य सेवा के दौरान उन्हें कीर्ति व शौर्य चक्र जैसे मेडलों से नवाजा जा चुका है। कर्नल कोठियाल नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग, उत्तरकाशी के प्रिंसिपल भी रहे हैं।