कॉन्क्लेव में पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर होगा मंथन : मुख्यमंत्री

पर्यावरण और विकास में साधेंगे संतुलन

  • त्रिवेंद्र ने कहा, 28 जुलाई को होने वाले हिमालयन कान्क्लेव में अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगे सभी हिमालयी राज्यों के प्रतिनिधि 
  • सभी हिमालयी राज्यों की परिस्थितियां कमोबेश एक जैसी, पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए पर्वतीय क्षेत्रों के  विकास होगी चर्चा

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 28 जुलाई को होने वाले हिमालयन कान्क्लेव में सभी हिमालयी राज्यों के प्रतिनिधि अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगे। किस प्रकार हिमालयी राज्य न्यू इंडिया के कॉन्सेप्ट में योगदान दे सकते हैं, इस पर भी विचार विमर्श होगा। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी हिमालयी राज्यों की परिस्थितियां कमोबेश एक जैसी हैं। पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए किस प्रकार पर्वतीय क्षेत्रों का विकास किया जा सकता है, इस पर मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरण और विकास में संतुलन बनाया जाएगा और कान्क्लेव में प्राप्त निष्कर्षों का ड्राफ्ट नीति आयोग को सौंपा जाएगा।
मीडिया द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को केबिनेट निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा करने को निर्देशित किया है। हमारी सरकार के समय लगभग सभी केबिनेट निर्णयों पर कार्यवाही हुई है। केबिनेट के 100 प्रतिशत निर्णयों पर निर्धारित समय अवधि में अमल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसलिए मुख्य सचिव को केबिनेट निर्णयों की क्रियान्विति के लिए लगातार मॉनिटरिंग को कहा गया है।   
उत्तरकाशी जिले के 133 गांवों में पिछले तीन माह में जन्में 216 बच्चों में एक भी लड़की न होने संबंधी खबर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खबर का संज्ञान लेते हुए इसकी वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। निश्चित तौर पर ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। यह हमारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए भी चिंताजनक है। 

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