चीन के मंसूबे खतरनाक
- भारतीय सुरक्षाबलों ने दी जानकारी, एएलसी के पास चीनी सेना पीएलए के कुल 52,000 सैनिक तैनात
- चीन ने एलएसी के पास बढ़ाई अपने सैनिकों की तैनाती
- आकलन रिपोर्ट में हुआ खुलासा, पीएलए के 10 हजार सैनिक सिर्फ पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे पर डटे
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना डटकर सामना कर रही है। भारत की कार्रवाई से घबराए चीन ने नए पैंतरे आजमाने शुरू कर दिए है। अब चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। एएलसी के पास चीनी सेना पीएलए के कुल 52,000 सैनिक तैनात हैं। जिनमें से 10 हजार सिर्फ पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे पर तैनात हैं। पैंगोंग झील के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में एएलसी के पास चीनी सेना की चहलकदमी दिखी है। इसके बाद से भारतीय सेना मुस्तैद हो गई है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास दो इलाकों में चीनी सैनिकों की गतिविधियां दिखाई दी हैं। पीएएलए की अरुणाचल प्रदेश के असाफिला और फिशटेल सेक्टर 2 में हलचल देखने को मिली है। यह इलाका भारतीय भूभाग से 20 किमी दूर है। पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश के 5 युवकों के लापता होने के बाद चीन ने भारत के इस प्रदेश को अपना हिस्सा बताया था। इसके बाद से ही भारतीय सेना ने अंजॉ जिले में अतिरिक्त जवानों की फोर्स तैनात की थी।
गौरतलब है कि पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे पर 29-30 अगस्त की रात चीन की तरफ घुसपैठ की कोशिश को भारत ने विफल कर दिया था। इसके बाद से ही क्षेत्र में दोनों ओर की सेनाएं तैनात हैं। भारतीय सुरक्षाबलों के हालिया विस्तृत आकलन में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में एएलसी के पास पीएलए की बटालियन की संख्या में इजाफा हुआ है। अगस्त में लद्दाख में पीएलए की 35 बटालियन मौजूद थीं जो सितंबर में बढ़कर 50 हो गईं। हर बटालियन में 1,000 से 1,200 के बीच सैनिक होते हैं।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल पिछले हफ्ते से घुसपैठ या गतिरोध का कोई नया केस सामने नहीं आया है लेकिन इलाके में पीएलए का मूवमेंट लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना एएलसी के नजदीक यथास्थिति में बदलाव की कोशिश कर रही है और भारतीय सेना लगातार चीन का साजिश नाकाम कर रही है। चीनी सेना अब पैंगोंग झील के इर्द-गिर्द चार मुख्य जगहों पर नजर गढ़ाए हुए है।
सेना के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस हफ्ते होने वाली सैन्य स्तर की बातचीत से इलाके पर जारी गतिरोध पर कुछ मसला निकलने की उम्मीद जताई जा रही है। तब तक के लिए सैन्य बल हाई अलर्ट और सर्विलांस पर हैं।गतिरोध को लेकर बातचीत पूरी होने तक भारतीय सेना के जवान इलाके में ऊंची चोटियों पर डटे रहेंगे।