कोरोना का कोहराम : बिहार में 15 दिनों तक पूरा लॉकडाउन!

खतरे की घंटी

  • बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच राज्य सरकार का बड़ा ऐलान
  • नीतीश सरकार ने राज्य में 16 से 31 जुलाई तक पूरी तरह से लगाया लॉकडाउन
  • पटना में भी तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, भाजपा के कई नेता भी मिले पॉजिटिव

पटना। बिहार में कोरोना के बिगड़ते हालात के मद्देनजर नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पूरे प्रदेश में फिर से 15 दिनों के लिए पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इस बार कंप्लीट लॉकडाउन की अवधि 16 से 31 जुलाई तक की होगी। उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नगर निकाय, जिला मुख्यालय, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय 15 दिनों के लिए लॉकडाउन रहेगा।
डिप्टी सीएम ने बताया कि 16 से 31 जुलाई तक के लॉकडाउन के लिए नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है क्योंकि अभी तक कोरोना महामारी का ना कोई दवा है, ना टीका। इससे बचाव का सिर्फ एक ही माध्यम है, हम सभी अपने चेहरे पर मास्क, तौलिया या रुमाल लगाकर लगाना सुनिश्चित करें। तभी हम कोरोना से अपना बचाव कर सकते हैं और इसे हरा सकते हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना का दायरा और भी बढ़ता जा रहा है। अब पार्टी दफ्तरों में भी कोरोना संक्रमण का खौफ साफ तौर पर देखा जा सकता है। बीते सोमवार को भाजपा के 75 लोगों का सैंपल लिया गया था, जिसमें से 25 कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
बिहार के बड़े नेताओं की बात करें तो कोरोना संक्रमितों में प्रदेश संगठन के महामंत्री नागेंद्र नाथ, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार, राधा मोहन शर्मा और राजेश वर्मा भी शामिल है। अपर मुख्य सचिव भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, फिलहाल वह होम क्वारंटीन में बताये जा रहे हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है, लेकिन इनके अलावा कई सरकारी अधिकारी और पुलिसकर्मियों के लगातार कोरोना पॉजिटिव होने के मामले सामने आ चुके हैं।
गौरतलब है कि इसके पहले भी भाजपा के कई विधायक और बिहार विधान परिषद के सभापति कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके पहले राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे तो मुख्यमंत्री आवास तक कोरोना की दहशत दिखाई दी थी। चूंकि अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है ऐसे में राजनीतिक दलों की गतिविधियां भी बढ़ी हुई है।
हालांकि कोरोना संक्रमण काल में ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां अपनी बैठक, वर्चुअल माध्यम से कर रही हैं, लेकिन पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा अभी भी लग रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ कार्यकर्ताओ में भी कोरोना संक्रमण का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इससे नेताओं के अलावा अधिकारियों में भी कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलने से सरकार की चिंता बढ़ गई है।

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