बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला, कट्टरपंथियों ने मूर्तियां तोड़ीं, गोलीबारी में 3 की मौत

ढाका। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले का मामला सामने आया है। इस बाबत बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान चांदपुर जिले में भीड़ ने हिंदू मंदिर पर हमला किया। इस दौरान हुई झड़प में गोली मारकर 3 लोगों की हत्या कर दी गई। देश के अलग-अलग हिस्सों से मंदिरों पर इसी तरह के हमलों की खबरें आ रही हैं। बांग्लादेश छात्र लीग ने एक प्रेस रिलीज जारी करके अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से पूजा मंडप में रहने के लिए कहा है।
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने ट्वीट करके कहा, “13 अक्टूबर 2021, बांग्लादेश के इतिहास का निंदनीय दिन है। अष्टमी के दिन मूर्ति विसर्जन के मौके पर कई पूजा मंडपों में तोड़फोड़ हुई है। हिंदुओं को अब पूजा मंडपों की रखवाली करनी पड़ रही है। आज पूरी दुनिया चुप है। मां दुर्गा अपना आशीर्वाद सभी हिंदुओं पर बनाए रखें। कभी माफी न दें।”
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मांग की है कि हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। काउंसिल ने ट्वीट करके कहा कि अगर बांग्लादेश के मुसलमान नहीं चाहते तो हिंदू पूजा नहीं करेंगे, लेकिन कम से कम हिंदुओं को तो बचा लीजिए। हमला अभी भी जारी है। प्लीज आर्मी भेजिए। हम पूजा मंडपों में बांग्लादेश की सेना चाहते हैं। काउंसिल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि पिछले 24 घंटों में क्या हुआ है, इसे हम ट्वीट में प्रकाशित नहीं कर सकते। बांग्लादेश के हिंदुओं ने कुछ लोगों के असली चेहरे देखे। हम नहीं जानते कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन बांग्लादेश के हिंदू 2021 की दुर्गा पूजा को कभी नहीं भूलेंगे।
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि कुरान के अपमान की अफवाह फैल रही है। इसके कारण नानुआ दिघी पार के पूजा मंडल पर हमला हुआ है। हम सभी मुस्लिम भाइयों से कहना चाहते हैं कि अफवाहों पर विश्वास न करें। हम कुरान का सम्मान करते हैं। कोई दंगा भड़काने की साजिश कर रहा है। कुरान और दुर्गा पूजा का कोई संबंध नहीं है। निष्पक्ष जांच होगी। कृपया किसी हिंदू या मंदिर पर हमला न करें।
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने ट्वीट किया, “अच्छे मुसलमान अभी भी बांग्लादेश में जिंदा हैं, तो हम भी जिंदा हैं। उन सभी मुसलमानों को धन्यवाद जो हिंदुओं के साथ खड़े रहे। हम इस्लाम का भी सम्मान करते हैं। हम भी कुरान से प्यार करते हैं। इस्लाम कभी इसका समर्थन नहीं करता। हम बांग्लादेश में अपने मुस्लिम भाइयों के साथ सद्भाव में रहना चाहते हैं।”

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