बदरी- केदार में पिछली बार आया साढ़े 14 करोड़ का चढ़ावा

चार धाम यात्रा की तैयारी

  • भगवान शिव के धाम के दर्शन करने को वर्ष 2018 में आये सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु
  • केदारनाथ धाम के नौ मई को और बदरीनाथ धाम 10 मई को खुलने जा रहे हैं कपाट

देहरादून। इस बार केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई को और बदरीनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुलने जा रहे हैं। सरकार ने चारधाम यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए आला अधिकारियों को यात्रा मार्ग और चार धामों पर उचित प्रबंधन करने को कहा है। इस बार भी रिकार्ड तीर्थयात्री आने की संभावना जताई जा रही है। जिससे सरकार को राजस्व के साथ ही लोगों को रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे और उनकी आर्थिकी भी सुधरेगी।
केदारनाथ धाम के गत वर्ष यानी वर्ष 2018 में सात लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। इसके साथ ही बदरी-केदार मंदिर समिति को केदारनाथ मंदिर और अन्य पंच केदार मंदिरों से साढ़े 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम चढ़ावे में मिली। केदारनाथ में गत वर्ष दर्शन के लिए 7,32,214 तीर्थयात्री पहुंचे। इससे जहां सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिला, वहीं सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला।
जहां केदारनाथ धाम में करीब साढ़े छह किलो सोना भक्तों द्वारा 18 वर्षो में दान किया गया, वहीं बदरीनाथ में दान स्वरूप करीब 39 किलो सोना मिला है। बदरीनाथ को दान में करीब 30 कुंतल चांदी मिली, जबकि केदारनाथ को आठ कुंतल प्राप्त हुई। तीर्थयात्रियों की संख्या भी बदरीनाथ में ही ज्यादा रही।
हल्द्वानी निवासी हेमंत गौनिया ने मुख्य सचिव कार्यालय से बीती 25 फरवरी को आरटीआई में जानकारी मांगी थी कि बदरी- केदार मंदिर समिति को राज्य गठन से लेकर अब तक तीर्थयात्री और भक्तों द्वारा कितना दान प्राप्त हुआ है। सोने, चांदी, जवाहरात और फॉरेन करेंसी की भी जानकारी मांगी गई थी। यह जानकारी बदरी- केदार मंदिर समिति के जोशीमठ कार्यलय से मुहैया कराई गई।
इसके साथ ही गत वर्ष बदरी-केदार मंदिर समिति को केदारनाथ मंदिर और अन्य पंच केदार मंदिरों से करीब 14 करोड़ 50 लाख रुपये की रिकॉर्ड आमदनी हुई। गौरतलब है कि केदारनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व तो है ही, यह तीर्थयात्रा प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। खास बात यह है कि प्रदेश की लगभग तीस प्रतिशत आबादी की जीविका चारधाम से चलती है। इस बार अहम बात यह रही कि केदारनाथ यात्रा के दौरान सरकारी आंकड़ों के अनुसार 500 गंभीर और 35 हजार से ज्यादा साधारण रोगियों को धाम में ही उपचार मिला। केदारनाथ में पहली बार सभी कंपनियों की 4जी सर्विस का लाभ भी तीर्थयात्रियों को मिला।

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