नक्सलियों और सरकार के बीच ‘पुल’ बनेंगे अन्ना!

बोले समाजसेवी

  • अगर सरकार कहे तो वह नक्सलवाद को लेकर मध्यस्थता करने के लिए तैयार 
  • बंदूक नहीं होती हर समस्या का समाधान, बातचीत से भी सुलझ सकती हैं समस्यायें 

 अहमदनगर। प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे का कहना है कि नक्सलवाद की समस्या को बातचीत से भी हल किया जा सकता है। अगर केंद्र सरकार इजाजत दे तो वह सरकार और नक्सलवादियों के बीच मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार हैं। 
अन्ना ने कहा, ‘हर किसी के सामने समस्याएं होती हैं लेकिन उनको सुलझाने का तरीका सही होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान विस्फोट, गोलीबारी या मासूम लोगों की जान लेने से नहीं होगा। हर समस्या का समाधान बंदूक भी नहीं होती। इससे उलट समस्या और जटिल हो जाएगी।’ 
उन्होंने कहा कि बातचीत से ऐसी समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं। इतिहास गवाह है कि बातचीत से तलवार भी म्यान बन जाती है। इस परंपरा को भूलना नहीं चाहिए। हमें समस्या को मानवीय ऐंगल से देखना चाहिए। अगर दोनों पक्ष तैयार हों तो हम नक्सलवाद के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं। मेरे पास बड़ी ताकत नहीं, मैं फकीर हूं।’ 
अन्ना ने कहा कि राष्ट्र और समाज का सर्वांगीण विकास उनका लक्ष्य है, इसलिए वह इस समस्या के समाधान के लिये हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं। सरकार को भी इसकी जड़ में जाना चाहिए। असल में समस्या क्या है, यह उन्हें समझना चाहिए। इससे समस्या का समाधान होगा। हर किसी को पता होना चाहिए कि ऐसी घटनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल करना सही नहीं है। गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सी-60 कमांडो जीप पर नक्सलवादियों ने हमला कर दिया था जिसमें 15 जवान शहीद हो गए थे। जिससे देशभर में नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग जोरों से उठ रही है।

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