मेड इन अमेठी पड़ेगी दुश्मनों पर भारी

 
उत्तरप्रदेश के शहर अमेठी को अब AK-203 असॉल्ट राइफल के लिए जाना जाने लगेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेठी में प्लांट की आधारशिला रखी। यह AK-203 कलाश्निकोव राइफल AK-47 का लेटेस्ट वर्जन है। यह फैक्ट्री रूस की एक कंपनी और भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड साथ में मिलकर बनाएंगी, जिसमें 7.50 लाख कलाश्निकोव राइफल बनाई जाएगी। अमेठी  स्थित फैक्ट्री में निर्मित ये राइफलें खासकर चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात सैनिकों को दी जा सकती हैं, जिससे दुश्मनों के मंसूबों को पस्त किया जा सकेगा। 
आज से 10 वर्ष पहले भी भारत और रूस के बीच करार होना था मगर वो किन्ही कारणों से नहीं हो पाया था, उस समय AK-103 राइफल बननी थी, लेकिन तब डील नहीं हो पाई और अब जब डील फाइनल हुई है तो यह AK-203 राइफल पर हुई है जहां AK-103 राइफल 2001 में बना मॉडल था। वहीं AK-203 राइफल 2018 में बना मॉडल है और यह ज्यादा भरोसेमंद है इसका होल्ड और इसकी एक्युरेसी भी AK-47 से ज्यादा हैइस राइफल में पिकेटिनी रेल (राइफल के ऊपर लगा एक प्लेटफॉर्म, जिसमें नाइट विजन डिवाइस या दूर तक देखने के लिए डिवाइस लगाई जा सकती है) भी है। नई राइफल इंसास राइफल को रिप्लेस करेंगी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने करीब 72 हजार असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए एक अमेरिकी कंपनी से भी करार किया है। उल्लेखनीय है की अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का संसदीय क्षेत्र भी है और भाजपा लगातार उन  पर अपने क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाती रही है। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत देश में रक्षा उत्पादन से जुड़ी कई फैक्ट्रियां बनाई जा रही हैं, अमेठी की फैक्ट्री भी इसी कड़ी का हिस्सा है।

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