बहनजी के आगे नहीं चली अजित की चौधराहट!

‘माया’ की हनक

  • चौधरी अजित सिंह को बताया, माया को नहीं पसंद कि कोई जूते पहनकर उनके सामने बैठे
  • सीएम रहते हुए बहनजी ने बनाया था नियम, जूते उतारकर ही मिलते थे अफसर-मंत्री

भले ही मायावती की पार्टी बसपा गत लोकसभा चुनाव में एक भी सीट न जीत पाई हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहने के दौरान की हनक अभी कायम है। देवबंद रैली में मायावती के साथ मंच साझा करने के लिए अजित सिंह को भी अपने जूते उतारकर ही उनके साथ बैठना पड़ा।
इस बार के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के सहारे सपा, बसपा और रालोद की नजर ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने पर है। महागठबंधन की रैलियों से लेकर बहनजी इन रैलियों का प्रोटोकॉल भी खुद ही तय कर रही हैं। गत लोकसभा चुनाव में माया की पार्टी भले ही एक भी सीट पर जीत नहीं दर्ज कर पाई हो, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में वह सपा, बसपा और रालोद गठबंधन का मुख्य चेहरा बनकर उभरी हैं। महागठबंधन की रैलियों, कार्यक्रमों से लेकर स्टेज पर कौन-कहां बैठेगा, कौन-कब बोलेगा, ये सब बहनजी तय कर रही हैं। एक तरह से वह पूरे गठबंधन की धुरी बन चुकी हैं। यह उनकी हनक ही है कि देवबंद में एक कार्यक्रम में मंच साझा करने के लिए रालोद के मुखिया अजित सिंह को उनके सामने बैठने के लिये मजबूरी में जूते उतारने पड़ गए।
देवबंद में हुई महागठबंधन की रैली में माया के प्रोटोकॉल से एक पल को अजित सिंह भी हैरान रह गए। दरअसल अजित ने जैसे ही माया और अखिलेश के पीछे-पीछे मंच पर चढ़ना शुरू किया, तभी बसपा के एक को-ऑर्डिनेटर ने अजित से जूते उतारने के लिए कह दिया। उनको बताया गया कि बहनजी को पसंद नहीं है कि मंच पर उनके सामने कोई जूते पहनकर बैठे, सिवाय खुद उनके।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 के चुनाव में बागपत से भाजपा के सत्यपाल सिंह के हाथों हारने के बाद इस बार अजित मुजफ्फरनगर से चुनावी मैदान में हैं और दलित वोटों के लिए पूरी तरह बहनजी पर आश्रित हैं। ऐसे में उनके सामने माया ‘प्रोटोकॉल’ को मानने की मजबूरी थी। उन्होंने अपने जूते उतारे और मंच पर चढ़ गए। मुख्यमंत्री रहते हुए भी माया ने ऐसे नियम बनाए थे। वह जब यूपी की मुख्यमंत्री थीं, तब भी वह अपने इसी अंदाज के लिए जानी जाती थीं। कोई मंत्री या अफसर उनसे तभी मिल सकता था, जब वह उनके कैंप ऑफिस के बाहर ही जूते उतारकर आया हो। हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि बहनजी को धूल से एलर्जी है, इसलिए उन्होंने इसे प्रोटोकॉल बना दिया है। दिलचस्प बात यह है कि बहनजी को दूसरों के जूतों से तो एलर्जी है परंतु अपने जूतों से नहीं है।

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