दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है भारतीय रेलवे
नई दिल्ली। आज भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और लगभग 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है। आज ही के दिन 16 अप्रैल को 1853 में भारत में पहली ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी। 164 साल पहले भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में महाराष्ट्र के मुंबई में बोरीबंदर स्टेशन से थाणे तक चली थी। हालांकि इस पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार बहुत धीमी थी। इस ट्रेन को 33.7 किमी की दूरी तय करने में सवा घंटे का समय लगा था।
बोरीबंदर स्टेशन से थाणे तक चलने वाली भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन से 14 डिब्बे जुड़े थे। भारत में वर्ष 1848 तक कोई भी ट्रेन की लाइन नहीं थी। रेलवे लाइन बिछाने और भारत में रेल नेटवर्क स्थापित करने का पूरा कॉंसेप्ट लंदन से लिया गया। 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी और यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। इसका उद्घाटन लार्ड डलहौज़ी ने किया था। इस रेलगाड़ी को ब्रिटेन से मंगवाए गए तीन भाप इंजनों सुल्तान, सिंधु और साहिब ने खींचा था। 20 डिब्बों की इस ट्रेन में 400 यात्रियों ने सफर किया था।
भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए. इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं. पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई. एक मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई।