शराब कांड को लेकर विपक्ष का दूसरे दिन भी हंगामा

    सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने की नारेबाजी, सदन में दिया धरना
    विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव के तहत दिया विधानसभा अध्यक्ष को दिया नोटिस

    देहरादून। विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन भी जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। वे सरकार की ओर से आये जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उन्होंने नियम 310 के तहत काम रोको प्रस्ताव रखा। जिसको विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उसकी ग्राह्यता पर चर्चा कराई। विपक्ष के विधायकों ने सदन की कार्यवाही को बाधित करते हुए जमकर नारेबाजी की और वेल में आकर धरने पर बैठ गये। करीब पौन बजे उन्होंने सदन से बर्हिगमन कर दिया। हालांकि करीब डेढ़ बजे तक सदन की कार्यवाही चलती रही।
    विस सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला सदन में छाया रहा। चर्चा के दौरान आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि इस मामले को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है और इस दुखद हादसे के लिये जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कितनी बड़ी पहुंच वाले क्यों न हों। उन्होंने सदन को बताया कि आबकारी विभाग के सात वरिष्ठ अधिकारियों को इसका जवाब देने के लिये तीन दिन का समय दिया गया था और आज शाम तक उनकी समय सीमा पूरी होने जा रही है। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनके खिलाफ भी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
    विस अध्यक्ष ने बताया कि सरकार जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिये विधायकों की एक समिति बनाने जा रही है जो मौके पर जाकर मामले की जानकारी लेगी और ऐसे दुखद हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के उपायों पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उनकी रिपोर्ट आगामी जांच और अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने और इस धंधे से जुड़े लोगों पर कानून का शिकंजा कसने के लिये एक गाइड लाइन का काम करेगी।
    हालांकि विपक्ष के विधायक सरकार की ओर से आये जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नियम 310 के तहत काम रोको प्रस्ताव पर अड़ गये। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल उनके प्रस्ताव की ग्राह्यता को लेकर सदन में चर्चा कराई। बाद में सरकार ने सदन की कार्यवाही जारी रखी। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और सदन की कार्यवाही को बाधित करते हुए वे वेल में पहुंचकर नारेेबाजी करने लगे। इसके बाद वहीं धरने पर बैठ गये। फिर करीब पौन बजे उन्होंने सदन से बर्हिगमन कर दिया। हालांकि सदन की कार्यवाही करीब डेढ़ बजे तक चलती रही।

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