“फिर मिलेंगे चांद तारों के पार जहां आतंक का साया न हो”

पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी ने अनोखे अंदाज में अपने जांबाज पति को किया आखिरी सलाम
-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर किया शहादत को सलाम

देहरादून। मंगलवार को डंगवाल मार्ग पर स्थितं शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के आवास पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिये लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल अमर रहे आदि नारों से डंगवाल मार्ग गूंज उठा। जवान बेटे की शहादत के साथ दुखों का पहाड़ शहीद विभूति ढौंडियाल के परिवार पर टूट पड़ा। सुबह के समय शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की जवान पत्नी नितिका कौल ने उन्हें जिस भावपूर्ण अंदाज में अंतिम सलाम किया, उसे देखकर वहां मौजूद लोगों की भीड़ की आंखें भी छलछला आईं। नितिका ने कहा, “फिर मिलेंगे चांद तारों के पार इस जहां में जहां आतंक का साया न हो”। शहीदों के परिवारों की त्रासदी का मंजर शहीद विभूति शंकर ढौंडियाल की दादी, मां सरोज ढौंडियाल, मामा कर्नल आरके पोखरियाल और उनकी सात जन्मों की संगिनी नितिका कौल के चेहरों पर देखा जा सकता है। शहीद के पिता ओपी ढौंडियाल का निधन 2015 में हो गया था।
मूल रूप से पौड़ी जिले के बैंजरो ढौंड के रहने वाले मेजर विभूति का परिवार देहरादून में नेशविला रोड पर 36 डंगवाल मार्ग पर रह रहा है। उनकी पत्नी दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करती है और सप्ताहांत में देहरादून आती थी। सोमवार सुबह वह ट्रेन से दिल्ली रवाना हुई थीं कि ट्रेन मुजफ्फरनगर के पास पहुंची तो उन्हें हेडक्र्वाटर से उनके पति विभूति की शहादत की खबर मिली तो वह वहीं से देहरादून लौट आईं। नियति का खेल देखिये की उनकी शादी की सालगिरह अप्रैल में मनाई जानी थी कि कुदरत को शायद यह मंजूर नहीं था।

गौरतलब है कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद सेना ने आतंकियों की तलाश में बड़े स्तर पर सर्च आपरेशन शुरू कर दिया था। रविवार को सुरक्षा बलों को सूचना मिली कि पास के पिंगलान गांव में आतंकी मौजूद हैं तो 55 राष्ट्रीय राइफल के मेजर विभूति ढौंडियाल अपनी टीम के साथ आतंकियों को निपटाने के लिये निकल गये थे। सीआरपीएफ और एसओजी का दल भी मौके पर पहुंच गया। सर्च आपरेशन के दौरान एक मकान से आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू दी तो मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल ने अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाल लिया और दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया लेकिन इसी बीच उनके गले और सीने में गोलियां लगने वह शहीद हो गये। उनके साथ ही उनकी टीम के चार जांबाज भी शहीद हो गये। सोमवार को उनका तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर उनके देहरादून स्थित घर पहंुचा तो उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों को तांता लग गया। उस समय उनके घर पर उनकी दादी और मां ही मौजूद थीं। मेजर ढौंढियाल तीन बड़ी बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी शादी पिछले साल अप्रैल में हुई थी और उनकी पत्नी निकिता कौल दिल्ली में एक बहुराष्टीय कंपनी में सेवारत थी। सेना ने मेजर विभूति ढौंडियाल की शहादत की खबर सबसे पहले उनकी पत्नी को ही दी थी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी मंगलवार को डंगवाल मार्ग पर स्थितं शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के आवास पर जाकर उनकी पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए उनकी शहादत को सलाम किया। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता दुःख की इस घड़ी में शहीद परिवार के साथ है। शहीद मेजर विभूति शंकर ढ़ौडियाल के आश्रित को शैक्षिक योग्यता के अनुसार नौकरी दी जायेगी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चैहान, खजान दास, प्रीतम सिंह, मेयर सुनील उनियाल गामा व सैन्य अधिकारियों ने शहीद मेजर विभूति को श्रद्वांजलि अर्पित की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here