पहाड़ों के बीच दौड़ती ट्रेन देखने को लोग बेकरार

  • वर्ष 2024—25 तक शुरू हो जायेगी 126 किमी लंबी और 16216 करोड़ की लागत से बनने वाली ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन
  • दोनों स्टेशनों के बीच होगा 11 स्टेशन, 17 सुरंगों व 35 पुलों का निर्माण, यह केंद्र और राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट

देहरादून। देवभूमि की मनोरम वादियों, पहाड़ों, पुलों और सुरंगों से गुजरती हुई ट्रेन में बैठकर आपको लगेगा कि आप स्वर्ग में आ गये हैं। यह अनुभव आप ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की ट्रेन से यात्रा में महसूस करेंगे। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच दौड़ती ट्रेन देखने को पहाड़ के लोग बेकरार हैं। लगभग 126 किलोमीटर लंबी और 16216 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन वर्ष 2024—25 तक शुरू हो जायेगी। ऋषिकेश और कर्णप्रयाग स्टेशनों के बीच 11 स्टेशन, 17 सुरंगों व 35 पुलों का निर्माण किया जाएगा। यह केंद्र और राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और दोनों ही सरकारें इसको जल्द से जल्द पूरी करने के लिये संकल्पबद्ध हैं।

इस परियोजना के तहत वीरभद्र-ऋषिकेश रेलवे लाइन 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग रेलवे लाइन 2023-24 व देवप्रयाग-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन 2024-25 तक आरम्भ हो जाएगी। इस परियोजना में पहला स्टेशन न्यू ऋषिकेश होगा और उसके बाद मुनिकीरेती, शिवपुरी, मंजिल गांव, साकणी, देवप्रयाग, कीर्तिनगर, श्रीनगर, धारीदेवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, गौचर के बाद कर्णप्रयाग आखिरी स्टेशन होगा।
रेलवे द्वारा श्रीकोट में एक अस्पताल, एक पुल व स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री रावत ने इस संबंध में जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी व रूद्रप्रयाग को निर्देश दिए कि रेलवे व गढ़वाल आयुक्त के साथ समन्वय करके प्राथमिकता के आधार पर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से सम्बन्धित भूमि व मकान क्षतिपूर्ति व अन्य मामलों का निपटारा जल्द से जल्द पूरा किया जाये।
मुख्यमंत्री ने रेललाइन कार्यों की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और संबंधित जिलाधिकारी आपसी अनुभव साझा करते हुए कार्यों में आने वाली बाधाओं को जल्द दूर करें। बैठक में रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा जानकारी दी गई कि वीरभद्र-ऋषिकेश रेललाइन निर्माण कार्य, रोड अंडर ब्रिज, रोड ओवर ब्रिज, चन्द्रभागा के ऊपरी भाग में पुल निर्माण, गुलर, कोडियाला, धारीदेवी, शिवपुरी तक अप्रोच रोड व प्रवेश मार्ग का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा ‘जियो टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन’ के लिए अनुमति दे दी गई है और यह कार्य परियोजना की 126 किलोमीटर के क्षेत्र मे चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के तहत ऋषिकेश में नए रेलवे स्टेशन का प्रस्ताव किया गया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा विशेष रेल परियोजना के रूप में घोषित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की निगरानी राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के रूप में प्रगति पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। वर्तमान में रेल परियोजना हेतु आवश्यक समस्त वनभूमि तथा उत्तराखण्ड सरकार की भूमि हस्तांतरित हो चुकी है।

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