आबकारी महकमे के सात अफसरों पर गिरी गाज

—–जैसी करनी वैसी भरनी—–
– हरिद्वार जिले में यूपी की सीमा से सटे गांवों में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में सरकार ने उठाया सख्त कदम
– विभाग के दो अधिकारियों को किया निलंबित और पांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू

देहरादून। हरिद्वार जिले में रुड़की क्षेत्र के यूपी की सीमा से सटे गांवों में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इस बारे में आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि रुड़की क्षेत्र में नकली शराब से हुई मौतों के लिए जिन सात अधिकारियों को नोटिस जारी किये गये थे, उनके उत्तर संतोषजनक न पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की गई है जिसमें दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है और पांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि नोटिस के जवाब में उत्तर संतोषजनक न पाये जाने पर जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार प्रशांत कुमार और सहायक आबकारी आयुक्त (प्रर्वतन दल) नाथू राम जोशी,को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही कैलाश बिंजोला, सहायक आबकारी आयुक्त (प्रवर्तन दल) गढ़वाल, रमेश चैहान, उपायुक्त, देहरादून-हरिद्वार, बीएस चैहान, संयुक्त आबकारी आयुक्त, गढ़वाल, पीएस गर्बियाल, अपर आबकारी आयुक्त और मीनाक्षी टम्टा, सहायक आबकारी आयुक्त (प्रवर्तन दल) गढ़वाल के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। प्रकाश पंत ने बताया कि इस मामले दोषियों और लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही कह चुके हैं कि इस बारे में सरकार का रुख एकदम स्पष्ट है कि अवैध शराब से जुड़े कारोबारियों और उनके संरक्षणदाताओं की अब खैर नहीं है, चाहे वे कितने ही रसूखदार और पहुंच वाले क्यों न हों।
गौरतलब है कि हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र और यूपी के सहारनपुर जिले में सीमावर्ती गांवों में जहरीली शराब से मरे सैकड़ों लोगों की मौत के बाद पुलिस और आबकारी विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि इस हादसे के बाद पुलिस और आबकारी विभाग के अफसर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे थे, लेकिन अब उनके चेहरे बेनकाब हो चुके हैं। क्षेत्रवासियों के अनुसार शराब की हर भट्ठी से हर महीने एक बंधी रकम एक निश्चित तारीख को थानों और आबकारी विभाग के आफिसों में पहुंच जाती है। अगर किसी भट्ठी वाले ने लेट लतीफी की तो अगले दिन ही उसकी भट्ठी तोड़ दी जाती है। जिसके अखबारों में फोटो भी छपते हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि ऐसी खबरों में भट्ठी चलाने वाले धंधेबाज कभी नहीं पकड़े जाते और वे सदा ही मौके से फरार हो जाते हैं। पुलिस और आबकारी विभाग वाले उनकी तलाश कर जल्द ही पकड़ने दावा करते हैं, लेकिन वे कभी पुलिस की पकड़ में नहीं आते और उनकी भट्ठियां फिर चालू हो जाती हैं। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना से आहत होकर आईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष एसआईटी का गठन कर जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले की गहराई से जांच कराने की घोषणा कर दी थी। जिससे दोनों महकमों में हड़कंप मचा है। इसी क्रम में आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में बताया था कि आबकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका जवाब मांगा गया है। अगर उनका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उसी संदर्भ में आबकारी विभाग के उच्चाधिकारियों पर गाज गिरी है।

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