‘मैं एक गांव हूॅ’ से संवरेगी किसानों की किस्मत

इस एकीकृत आदर्श ग्राम योजना पर आधारित कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने की समीक्षा बैठक

देहरादून। प्रदेश के कृषि, उद्यान व फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा कक्ष में, ‘मैं एक गांव हूॅ’ (I am a village) इंटीग्रेटेड माॅडल एग्रीकल्चर विलेज नाम से चलाई जाने वाली योजना की समीक्षा बैठक की।
गौरतलब है कि यह एकीकृत आदर्श ग्राम योजना पर आधारित कार्यक्रम है। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इससे सम्बन्धित गाइड लाइन के अनुसार कार्य में तेजी लाई जाए। इस कार्यक्रम उद्देश्य कृषकों की आय को दोगुनी करना है। इस योजना में किसानों को कृषि तथा कृषि से सम्बन्धित अन्य एलायड सेक्टर के कार्यों को जोड़ा जायेगा। इसका उद्देश्य सम्बन्धित गतिविधियों के माध्यम से कृषकों के आय का सृजन करना है।
बैठक में अन्य विभागों के समन्वय पर बल दिया गया तथा कहा गया कि परम्परागत कृषि विकास योजना, हार्टीकल्चर टेक्नोलाजी मिशन एवं कृषक बीमा योजना को भी उपरोक्त योजना में शामिल किया जाए। इस योजना में चय​नित ग्राम एवं क्लस्टर के सुचारू रूप से संचालन हेतु 15 लाख का रिवाल्विंग फण्ड देने का प्रावधान है। यह फण्ड क्लस्टर के सफल संचालन हेतु दिया जायेगा। यह कार्यक्रम स्वयं सहकारिता के आधार पर कृषक समूहों द्वारा संचालित किया जायेगा तथा क्लस्टर में सभी कृषकों के खेत भी सम्मिलित होंगे जो वर्तमान में खेती नहीं कर रहे हैं अथवा पलायन कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि फण्ड द्वारा कृषक को एवं समिति के खाते में धनराशि दी जायेगी। यह स्वयं सहकारिता के आधार पर संचालित होगा। इससे प्राप्त लाभ कृषकों एवं समिति के खाते में दिया जायेगा। इस कारण हर वर्ष रिवाल्विंग फण्ड में वृद्धि होगी। इसका उपयोग कृषि बैंक के रूप में किया जा सकता है। इस माध्यम से कृषक अपना लोन भी ले सकते हैं। इसके लिए कुछ ग्राम माॅडल रूप में चयनीत कर समूह गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा। माॅडल विलेज के कृषकों की क्षमता का विकास अन्य ग्रामों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।
बैठक में बताया गया कि क्लस्टर संचालन हेतु प्रारम्भ में कृषि निवेशों जैसे बीज, कृषि यंत्र एवं रोपण सामग्री की व्यवस्था की जायेगी। क्लस्टर संचालन हेतु जो अन्य योजना में संचालित नहीं होंगे अथवा अन्य योजना से उन्हें धनराशि प्राप्त नहीं होगी। उन्हें रिवाल्विंग फण्ड की धनराशि दी जायेगी। रिवाल्विंग फण्ड से धनराशि कार्य योजना एवं मानकों के अधीन दिया जायेगा। इसका चयन जिलास्तरीय समिति करेगी। क्लस्टर समिति के सदस्य न्याय पंचायत प्रभारी तथा कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी अथवा मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा किया जायेगा।
क्लस्टर में प्लान के अनुसार सभी केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित योजनाओं से मानक एवं प्राथमिकता के अनुसार कार्य किया जायेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, सचिव कृषि डी. सेंथिल पाण्डियन, निदेशक उद्यान आरसी श्रीवास्तव, निदेशक कृषि गौरी शंकर, निदेशक रेशम एके यादव, निदेशक कैप नृपेन्द्र सिंह चैहान, संयुक्त निदेशक उद्यान राकेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

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