बजट से बहुरेंगे प्राइमरी शिक्षा के दिन


2019-20 के बजट की मुख्य बातें:
-विद्यालयी शिक्षा के लिये सबसे अधिक 7642.63 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 548.37 करोड़ का रखा प्रावधान
-सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के लिए 2025.63 करोड़ और शिक्षा, खेल एवं संस्कृति के लिये 8757.97 करोड़ रुपये मंजूर
-कृषि को बढावा देने में जुटे स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का और गरीब किसानों को बिना ब्याज के मिलेगा एक लाख रुपये तक का कर्ज
-इस साल के बजट में आय व्यय प्रस्ताव के आधार पर कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं
-राज्य कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर खर्च होगी कुल आय की लगभग 30 प्रतिशत रकम

देहरादून। मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में बजट में बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में आय के अन्तर्गत कुल प्राप्तियां 48,679.43 करोड़ रूपये अनमानित है, और इस वित्तीय वर्ष का कुल व्यय 48,663.90 करोड़ रूपये है। इस प्रकार वर्ष 2019-20 के आय व्यय प्रस्ताव के आधार पर कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। राजकोषीय घाटा 6798.16 करोड़ रूपये है जो राजकोषीय घाटा, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य की सीमा के अन्तर्गत है। इस वित्तीय वर्ष में राज्य कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर लगभग 14,513.79 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जो कुल प्राप्तियों का लगभग 30 प्रतिशत है।
सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया, लेकिन बजट भाषण पढ़ते-पढ़ते वित्त मंत्री की तबियत अचानक खराब हो गई। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया। बजट भाषण खत्म होते ही वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने प्रेसवार्ता में बताया कि सरकार का संकल्प सबका साथ सबका विकास है। उन्होंने बताया कि बजट की खास बात यह है कि बजट में सबसे ज्यादा धनराशि विद्यालयी शिक्षा हेतु 7642.63 करोड़ रूपये और उच्च शिक्षा के लिए 548.37 करोड़ रखी गयी हैं। सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के लिए 2025.63 करोड़ रूपये के साथ ही शिक्षा, खेल एवं संस्कृति के अन्तर्गत 8757.97 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत 11.50 करोड़ रूपये और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 91 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि गरीब किसानों को कृषि कार्यों के लिए एक लाख रूपये तक का कर्ज बिना ब्याज के दिया जायेगा और कृषि को बढावा देने हेतु कृषि सम्बन्धी कार्यकलापों में जुटे स्वंय सहायता समूहों को पांच लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के देने का सरकार ने फैसला किया है। इसके साथ ही कृषि उत्पादन में वृद्धि और आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिचाईं योजना के तहत 50.50 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 87 करोड़ और वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्गर्गत 104.12 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। संकल्प से सिद्धि तथा 2022 तक किसानों के आय को दोगुना करने के लिए सहकारिता के माध्यम से पलायन रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने के लिए 100 करोड़ रूपये का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान मिसन योजना के अन्तर्गत 51 करोड़ रूपये और उद्यान बीमा योजना में औला वृष्टि से सेब की फसल हेतु मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। महिला उद्यमियों के विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत 4 करोड़ रूपये तथा केन्द्र पोषित व नाबार्ड पोषित योजनाओं में मछली उत्पादन सम्बन्धी कार्या हेतु 44 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। ग्राम विकास एंव पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत 3141.34 करोड़ रूपये का प्रावधान है। राज्य सरकार द्वारा असिंचित क्षेत्रों को सिंचित क्षेत्रों में बदलने के लिए नहर बनायी जायेगी जिसके लिए बजट में 121 करोड़ रूपये रखे गये हैं। सिंचाई एवं बाढ़ के अन्तर्गत लगभग 1033.55 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 202 करोड़ रूपये और पेयजल विभाग के लिए 997 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 900 करोड़ रूपये और रूड़की देवबंद रेलवे लाईन के लिए 100 करोड़ रूपये रखे गये हैं। अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत 100 करोड़ रूपये और राष्ट्रीय खेलों के आयोजन हेतु 72 करोड़ रूपये का प्रावधान है। पुलिस एवं जेल के अन्तर्गत 1967.03 का प्रावधान किया गया है।
इससे पूर्व सुबह सदन सांय चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सुबह प्रश्नकाल स्थगित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई थी. इसके बाद सत्र स्थगित कर दिया गया था। सत्र दोबारा 12 20 पर शुरू हुआ था और तब कांग्रेस ने कहा था कि उत्तराखंड के इतने जवान शहीद हो रहे हैं और सदन की कार्यवाही में शामिल होने का मन नहीं हो रहा, इसलिए कांग्रेस सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुई। दूसरी बार भी सदन चंद मिनटों में स्थगित कर दिया गया था। शाम को बजट पेश किये जाने के दौरान सभी कांग्रेसी विधायक अनुपस्थित रहे।

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