——– खतरे की घंटी ———
– कहीं राष्ट्र विरोधी ताकतों की पनाहगाह तो नहीं बन गई दून घाटी !
– मुठभेड़ में मारा गया आतंकी शोयब अहमद लोन भी देहरादून में ही कर रहा था पढ़ाई
– सुभारती विवि में पढ़ रहे कश्मीर के एक छात्र ने पुलवामा आतंकी घटना पर मनाई खुशी
– सोशल मीडिया पर उसका कमेंट वायरल होने पर प्रबंधन ने उसे कालेज से निकाला
– मुख्यमंत्री ने कहा, एजेंसियां करेंगी जांच और ऐसी घटनाओं को रोकने का करेंगे इंतजाम
देहरादून। पुलवामा के पास सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल बना हुआ है। 44 जवानों की शहादत से लोग बेहद आहत हैं और आतंकी घटना के विरोध में जगह जगह कैंडल मार्च निकाल रहे हैं और सीआरपीएफ के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इससे दून घाटी भी अछूती नहीं है। वहीं दूसरी ओर इस तरह की खबरें भी सामने आई हैं कि दून के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान सुभारती विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीर के एक छात्र ने इस आतंकी घटना पर खुशी मनाई और सोशल मीडिया पर उसका कमेंट वायरल भी हो रहा है। इस घटनाक्रम में सबसे चिंताजनक बात यह है कि उसके कमेंट पर अन्य कमेंट भी राष्ट्रविरोधी जहर से भरे हुए हैं। जिससे दूनवासियों में जबरदस्त आक्रोश पनप रहा है। साथ ही वे यह सवाल भी उठा रहे हैं कि दून घाटी कहीं राष्ट्र विरोधी ताकतों की पनाहगाह तो नहीं बन गई है!
नंदा की चौकी प्रेमनगर स्थित रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्ररार ने श्रीदेव सुमन मेडिकल कालेज में बीएमआरआईटी प्रथम वर्ष के छात्र कैशर राशिद पुत्र हाजी अब्दुल राशिद को भेजे पत्र में स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा है कि उसके द्वारा व्हाट्स एप पर भेजे मैसेज में लिखा गया है – हैप्पी टूडे आज तो चिकन डिनर हो गया- इस मैसेज के साथ उसका फोटो लगा हुआ है और यह मैसेज सभी जगह वायरल हो चुका है। इस मैसेज को पढ़ने वालों में रोष है और लोग इसे कश्मीर में हुए आतंकी हमले से जोड़कर देख रहे हैं। इसलिये कालेज प्रबंधन के फैसले के अनुसार अगले आदेश तक उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस मैसेज को राष्ट्र विरोधी मानते हुए कालेज में उसका प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। इसके लिये एक जांच समिति का गठन कर दिया गया है जिसके सामने उसे इस बारे में स्पष्टीकरण देना होगा और उसके समिति कोई फैसला लेगी।
हालांकि इसके बाद कैशर ने इस मैसेज के लिये जय हिंद कहते हुए देशवासियों से माफी मांगी है, लेकिन यह तीर कमान से निकल चुका है और इससे लोगों के दिलों नफरत की आग सुलग रही है। इसके साथ ही दून के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे अन्य कश्मीरी छात्रों के सत्यापन की मांग जोर पकड़ने लगी है। अभी हाल में गत 13 फरवरी जम्मू कश्मीर के बड़गाम में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया आतंकी शोयब अहमद लोन भी देहरादून के प्रेमनगर स्थित अल्पाइन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट में बीटेक आईटी का छात्र था। जो पिछले साल सितंबर में अचानक लापता हो गया था। वर्ष 2018 के मई महीने में उसने अपना दूसरा साल पूरा किया था। उसने कालेज प्रबंधन को बताया था कि उसकी मां की तबीयत ठीक नहीं है। इसलिये वह घर जा रहा है, लेकिन वह घर नहीं पहंुचा। इसके बाद उसने अक्टूबर 2018 में फेसबुक पर अपनी एक फोटो डाली जिसमें वह एके-47 लिये हुए था। उसके बाद सेना और अन्य खुफिया एजेंसियों ने जांच कर बताया था कि वह किसी आतंकी संगठन में शामिल हो गया है।
सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हुई मौत के बाद उसकी शिनाख्त शोयब अहमद लोन के रूप में होने के बाद अब दून की फिजाओं में ये सवाल तैर रहेे हैं कि यहां के शिक्षण संस्थानों में और कितने शोयब अहमद लोन पढ़ रहे हैं जो पढ़ाई की आड़ में आतंकी बनने और आतंकी संगठनों से जुड़ने की ट्रेनिंग ले रहे है। ग़ौरतलब है कि प्रेमनगर क्षेत्र में एैसे कई शिक्षण संस्थान हैं जिनमें सैकड़ों कश्मीरी छात्र पढाई कर रहे हैं। इससे पहले भी देशभर में हुई आतंकी घटनाओं के सूत्र देहरादून से किसी न किसी रूप में जुड़ते रहे हैं। इससे यह आशंका बलवती होती है कि कहीं आतंकी संगठनों से जुड़े मास्टर माइंड दून को अपनी पनाहगाह तो बनाये हुए नहीं हैं!
अगर ऐसा है तो यह गंभीर जांच पड़ताल का विषय है और यहां खुफिया एजेंसियों और प्रशासन को इस ओर गंभीरता से जांच करनी चाहिये। अन्यथा कोई बड़ी आतंकी घटना होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि देहरादून में आईएमए सहित कई राष्ट्रीय महत्व के संवेदनशी संस्थान हैं। इसलिये कश्मीरियों के आतंकी कनेक्शन को तलाशना बेहद जरूरी हो जाते है।
इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एजेंसियां इस मामले की जांच करेंगी और जो भी जरूरी कार्रवाई होगी, की जाएगी। देहरादून में इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये हर जरूरी कदम उठाएगी।