-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, इजराइल और ईरान के भारत के साथ खड़े होने के संकल्प और भारतीय सेना की कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान
-पुलवामा में जैश के आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर ही उसके कमांडर कामरान को भारतीय सेना ने ढेर कर दिया मुंहतोड़ जवाब
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 41 जवानों की शहादत से प्रमुख देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े होने का संकल्प जताया है। इससे पाकिस्तान घबरा गया है और मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाया है। दूसरी ओर भारतीय सेना ने आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर उसके मास्टर माइंड कामरान समेत तीन दुर्दांत आतंकवादियों को ढेर कर उसका बदला भी ले लिया है। इसके साथ ही कश्मीर घाटी में घुसे पाकिस्तानी आतंकियों और स्थानीय दहशतगर्दों के होश भी फाख्ता हो गये हैं क्योंकि कश्मीर में सुरक्षा बलों को अब फ्री हैंड कर दिया गया है। जिससे सेना और सुरक्षा बलों ने पूरे कश्मीर में सर्च आपरेशन शुरू कर सभी आतंकियों का सफाया करने की ठान ली है। इस मामले ने सभी दलों और देशवासियों को सेना के समर्थन में खड़ा कर दिया है। इससे लगता है कि पुलवामा कांड कश्मीर में घुसे और छिपकर बैठे आतंकियों के ताबूत में आखिरी कील बनने जा रहा है।
इस घटना के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि जैश ए मोहम्मद और उसके सरगना अजहर मसूद को संयुक्त राष्ट्र संघ की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने का विरोध न करे। पुलवामा हमले के बाद भारत ने जैश ए मोहम्मद और उसके सरगना अजहर मसूद को यूएनओ की काली सूची में डालने के लिये विश्व समुदाय से अपील की थी। जिसके बाद अमेरिका ने वाशिंगटन में पाक राजनयिकों और इस्लामाबाद को इस बारे में साफ शब्दों में संदेश दिया गया है।
उधर इजरायल के राजदूत डा राॅन मलका ने कहा कि हम अपने करीबी मित्र भारत की आतंकवाद के खात्मे के लिये हर तरह से मदद करने को तैयार हैं। हम बिना किसी शर्त के भारत को दहशतगर्दी के खिलाफ सहयोग देंगे और हमारी सहायता देने की कोई सीमा नहीं है। इसी क्रम में ईरान ने पाकिस्तानी राजदूत को तलब कर अपने कड़े विरोध से अवगत करा दिया है। ईरानी सेना के मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पुलवामा हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने आतंकी संगठन जैश- अल-अदल का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ऐसे आतंकी संगठन को पनाह देती है जो ईरानी सेना और इस्लाम के लिये खतरा बना हुआ है। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना उन्हें सुरक्षा और पनाह दे रही है जो शर्मनाक है। गौरतलब है कि पुलवामा कांड से एक दिन पहले पाकिस्तान से आये आतंकवादियों ने ईरानी रिवाॅल्यूशनरी गाड्र्स के 27 जवानों की हत्या कर दी थी। जिस पर ईरान ने पाकिस्तानी सरकार को कड़ी चेतावनी दी थी। ईरान के उप विदेशमंत्री सैयद अब्बास अरागची ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलकर आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प जताया है। रूसी मंत्री डेनिस मंतुरोव ने कहा है कि यूएनओ में आतंकी अजहर मसूद और उसके संगठन जैश ए मोहम्मद को आतंकी घोेषित करने और उन पर प्रतिबंध लगाने के लिये रूस पूरा प्रयास करेगा और भारत का पूरा साथ देगा। ब्रिटिश हाई कमिश्नर डोमिनिक एसक्वीथ ने कहा कि ब्रिटेन आतंकवाद की लड़ाई में भारत के साथ है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत को दुनियाभर के देशों से मिले समर्थन और भारतीय सेना सहित सुरक्षा बलों के कश्मीर में आतंकियों के सफाये के अभियान से पाकिस्तान के हौसले पस्त हो गये हैं। उसने यूएनओ में गुहार लगाई है कि वह भारत और उसके बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिये प्रयास करे। इस घटनाक्रम से लगता है कि कश्मीर में आतंकवाद का खेल खत्म होने के दिन आ गये हैं और पुलवामा कांड आतंकवादी घटनाओं और दहशतगर्दों के ताबूत में आखिरी कील बनने जा रहा है।